Kedarnath News: चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाओं में हर वर्ष वृद्धि होती जा रही है। उत्तराखंड सरकार और यहाँ का प्रशासन देश-विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुखद और सुगम के लिए निरंतर प्रयासरत है। पहाड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य होने के कारण यहाँ संचार की सुविधाएं थोड़ा कम हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार केदारपुरी में बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं रुद्रप्रयाग जनपद में एक स्पेशल मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है।
केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तराखंड सरकार से इंटरनेट सेवा मुफ्त में मिल पायेगी। वाईफाई के सफल ट्रायल होने के बाद यह सुविधा शनिवार से श्रद्धालुओं को समर्पित कर दी गई है। जिससे श्रद्धालुओं को कनेक्टिविटी की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। केदारनाथ में मिलने वाले इस निःशुल्क सुविधा को पाकर श्रद्धालुओं ने खुशी जाहिर करते हुए सरकार और जिला प्रशासन के प्रति आभार प्रकट किया है।
डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क शुरू
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार की पहल पर आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील रुद्रप्रयाग जनपद में एक अलग मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है। इस नेटवर्क को “डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क” नाम दिया गया है। यह नेटवर्क न केवल आपदा, बल्कि किसी भी विकट परिस्थिति में भी लगातार संचालित रहेगा। इसके साथ ही मोबाइल डाटा, वॉयस कॉलिंग और हाई क्वालिटी सीसीटीवी विजुअल्स की सुविधा भी उपलब्ध है।
कैसे उठायें फ्री वाईफाई का लाभ
Free Wifi Service in Kedarnath : रुद्रप्रयाग में डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क के तहत श्रद्धालुओं को अब केदारनाथ मंदिर में फ्री वाईफाई की सुविधा प्रारम्भ हो गई है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती के अनुसार वाईफाई का फायदा उठाने के लिए वाईफाई सेटिंग पर जाकर अपना मोबाईल नंबर पंजीकृत करना होगा, जिसके बाद एक ओटीपी मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे भरने के बाद आधे घंटे तक हाई स्पीड वाईफाई का लाभ उठाया जा सकता है।
रुद्रप्रयाग देश का पहला जनपद बन गया है, जिसके पास अपना अलग और संपूर्ण मोबाइल नेटवर्क है। जुलाई 2024 में केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई आपदा के दौरान जब अन्य मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गए थे, तब ऐसी नेटवर्क व्यवस्था यात्रियों, मजदूरों और रेस्क्यू टीमों के लिए जीवन रेखा बनी थी। इससे रास्ते में फंसे लोगों ने अपने घरों से संपर्क किया और राहत एवं बचाव कार्यों में भी अत्यंत मदद मिली थी
यहाँ भी पढ़ें : केदानाथ धाम की अनदेखी तस्वीरें।