पुराने गढ़वाली गीतों के बोल | Garhwali Song Lyrics in Hindi

On: Friday, September 5, 2025 4:00 PM
garhwali song lyrics

उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में गढ़वाली लोकगीतों का विशेष स्थान है। ये गीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं, भावनाओं और जीवन के अनुभवों का जीवंत दस्तावेज़ भी हैं। इस पोस्ट में हमने आपके लिए कुछ चुनिंदा गढ़वाली गीतों के बोल (Garhwali Song Lyrics) संजोए हैं, जो भले ही वर्षों पुराने हों, लेकिन आज भी उतनी ही आत्मीयता से गुनगुनाए जाते हैं। खास बात यह है कि इन्हें नई पीढ़ी भी बड़े चाव से सुनती है।

हमारा प्रयास है कि इन अमूल्य गीतों के बोल भविष्य के लिए संरक्षित रहें ताकि आने वाले समय में जब कोई इन्हें खोजे तो उन्हें यह आसानी से उपलब्ध हो सकें। यहाँ आपको नरेंद्र सिंह नेगी समेत कई प्रसिद्ध गढ़वाली लोकगायकों द्वारा गाए गए गीतों के लिरिक्स मिलेंगे, जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार तालिका से चुनकर पढ़ सकते हैं।

गढ़वाली गीतों के बोल-तू दिख्यांदी

तू दिख्यांदी इ इ .. जनि जुन्याली
तू दिख्यांदी इ इ .. जनि जुन्याली ….
सच्ची त्यारा सौं… सच्ची त्यारा सौं…
तू दिख्यांदी .. जनि जुन्याली ….
तू दिख्यांदी .. जनि जुन्याली ….सच्ची त्यारा सौं….
जब हुन्दी नि छुई रूप की .. पैली त्यारू नौ….
औ त्यारा रूप देखि की
औ त्यारा रूप देखि की
लोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न
लोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न

(You look like the full moon, really your swearing
when the talk of beauty begins,
your name comes first. By seeing your beauty
people are jealous and have become insane)

फूल बेचारा डाली-डालियों माँ जलेंदा लागेना ,
भौंवरा त्वे देखि-देखि की नोवेना लागेना ..
भौंवरा त्वे देखि – 2 की नोवेना लागेना ..
नोवेना लागेना ..
तेरी ज्योति देखि की ,
औ तेरी ज्योति देखि की फूल शर्मे गैना ,
भौंवरा भरमे गैना ..
फूल शर्मे गैना, भौंवरा भरमे गैना।

(Flowers on the trees are envious of you,
The bees on seeing you are offering reverence,
Seeing your radiance, flowers are embarrassed
and the bees are bewildered)

गोरी मुखडी दिख्यांदी यानि जन उजाली रांकी ,
कन लगान्दी छुई भग्यानी तेरी चुयल आंखी, तेरी छुयाल आंखी
तेरी आंखी देखि की
तेरी आंखी देखि की
बटोही फिर्डी गैना बातु बिरडी गैना

(White face looks like burning torch,
oh fortunate how your talking eyes speaks,
seeing your eyes travelers are lost and have forgotten their paths)

बंदो माँ की बंद तवेमे सब लगान्दी माया ,
चंदूं माँ की चाँद बोल तिन क्या जादू काया ,
तेरी जवानी देखि की बुध्य खोले गैना , जवान बौले गैना।

(Beauty amongst the beauties everyone likes you,
Oh moon amongst moons say what magic have you done,
seeing your youth the old are fumed and young have become mad)

तू दिख्यांदी .. जनि जुन्याली ….
तू दिख्यांदी .. जनि जुन्याली ….
सच्ची त्यारा सौं….
जब हुन्दी नि छुई रूपा की ..
पैली त्यारू नौ….
औ त्यारा रूप देखि की
औ त्यारा रूप देखि की
लोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न।
लोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न।

मैं नि करदु त्वैं से बात 

मैं नि करदु त्वैं से बात, हट छोड़ि दे मेरु हाथ
मैं नि करदु त्वैं से ते बात, छोड़ छोड़ि दे मेरु हाथ
बोल चिट्ठी किले नि भेजी, तिन चिट्ठी किले नि भेजी
त्वैं कु थैं जोड़्यान हाथ – सूण सुणिजा मेरी बात
त्वैं कु थैं जोड़्यान हाथ – सूण सुणिजा मेरी बात
बदनामि की डोरो नि भेजी ,बदनामि की डोरो नि भेजी
मुख-सामणि त खूब स्वांग भरीदी, परदेस जै कि याद भी नि करिदि ,
मुख-सामणि त खूब स्वांग भरीदी, परदेस जै कि याद भी नि करिदि ,
रुंणु – रुंणु रो दीन – रात , सौंण – भादु सी बरसात,
रुंणु – रुंणु रो दीन – रात , सौंण – भादु सी बरसात,
बोल चिट्ठी किले नि भेजी ……..बोल चिट्ठी किले नि भेजी
त्वैं कु थैं जोड़्यान हाथ – सूण सुणिजा मेरि बात
बदनामि की डोरो नि भेजी
तेरा गौं कु डाक्वान चिट्टी देणु आन्दु , तु रेन्दी बणूंमां वो कैमा दे जान्दु ,
तेरा गौं कु डाक्वान चिट्टी देणु आन्दु , तु रेन्दी बणूंमां वो कैमा दे जान्दु ,
मुण्ड मां धेरि की जो हाथ, सोची – सोची मिन या बात,
मुण्ड मां धेरि की जो हाथ, सोची – सोची मिन या बात,
बदनामि की डोर नि भेजी , बदनामि की डोरो नि भेजी
मैं नि करदु त्वैं से ते बात, छोड़ छोड़ि दे मेरु हाथ,बोल चिट्ठी किले नि भेजी
निगरो सरीळ त्यारू निठरु प्राण ….हे निरदई त्वे मा क्या माया लाण
निगरो सरीळ त्यारू निठरु प्राण ….हे निरदई त्वे मा क्या माया लाण
झूटी मर्दों की छ जात , कन क्वेकि निभेलु साथ
झूटी मर्दों की छ जात , कन क्वेकि निभेलु साथ
बोल चिट्ठी किले नि भैजि ,
तिन चिट्ठी किले नि भेजी ,
त्वैं कुथैं जोड़्यान हाथ – सूण सुणिजा मेरि बात बदनामि की डोरो नि भेजी
मेरी साँची माया माँ शक केकु खांदी
हे चुची त्यारा सौं तू मेरी आंख्यों मु रान्दी
मेरी साँची माया माँ शक केकु खांदी
हे चुची त्यारा सौं तू मेरी आंख्यों मु रान्दी
लेकि आणु छौं बारात ,अब ता उम्र भर कु साथ
लेकि आणु छौं बारात ,अब ता उम्र भर कु साथ
मैं चिट्ठी इले नि भेजी , मैन चिट्ठी इले नि भेजी …..
मैन चिट्ठी इले नि भेजी………………

दादू मी पर्वतों को वासी‌

दादू मेरी उल्यारू जीकुड़ी, दादू मी पर्वतों को वासी‌, झम झमेले।…….2
दादू मेरी उल्यारू जी कुड़ी दादू भी पर्वतों कवासी, झम झमले….2
दादू मेरी सोज्यड़या च काकू , दादू मेरी गेल्या च हिलांसी ,झम झमले……2
दादू मेरी सोज्यड़या च काकू , दादू मेरी गेल्या
च हिलासी झम झमले….2
छायो मी बाजी को पियारो, छायों भी मांजी को लाडूलों….2
छो मेरा गोला को हंसुलो , दादू रे बोजी को बिटूलो ।…..2
झम झम ले दादू मेरी उल्यारू जीकुड़ी ,
दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले।
दादू मिन रोसल्युन का बीच बैठी की बांसुली बजैनी….2
दादू मिन चैरी की चुलारखूयूॅ चलखदा हुंयु चुला देखिनी!
झम झमले दादू मेरी उल्यारू जीकुड़ी
दादू मी पर्वतों को वासी‌ झम झमले….2
देखी मिन म्वआरयूॅ को रुनाट, दादू रे कौथिग का थाल…..2
दादू रे बे पोतली देखिनी लेन मिन रेशमी रुमाल!
झम झमले दादू मेरी उल्यारू जीकुड़ी
दादू मी पर्वतों को वासी‌ झम झमले।
दादू वो रूडी का कोथिग सुयुन्द सी सैडां मा की कूल……2
दादू वो सोज्यड़यो की टोल व्हेगयायी तिम्ला को‌ फूल !
झम झमले दादू मेरी उल्यारू जीकुड़ी
दादू मी पर्वतों को वासी‌ झम झमले।
दादू रे उडमिला बुरांसुन लुछीन भोरों की जीकुड़ी…..2
दादू रे किन्गोडयों का बीच, देखदी मिन हेन्स्दी फ्युन्लाडी।
झम झमले दादू मेरी उल्यारू जीकुड़ी
दादू मी पर्वतों को वासी‌ झम झमले।
झुमकी सी तुड तुड़ी मंगरी मखमली हेरी से अंगड़ी….2
हिल्वार्यों हल्क्दी घोपैली घुन्कदी सी लोक्दी कुयेडी।
झम झमले दादू मेरी उल्यारू जीकुड़ी,
दादू मी पर्वतों को वासी‌ झम झमले।
दादू मेरी सोज्यड़या च काकू
दादू मेरी गेल्या च हिलासी झम झमले।

घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की

घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की, बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की, बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की, ऋतु,ऋतु चैत की
डांणी कांठ्यूं को ह्यूं, गौली गै होलो, म्यारा मैता को बौण, मौली गै होलो
डांणी कांठ्यूं को ह्यूं, गौली गै होलो, म्यारा मैता को बौण, मौली गै होलो
चाकुला घोलू छोड़ि उड़णा ह्वाला, चाकुला घोलू छोड़ी उड़णा ह्वाला
बैठुला मेतुड़ा कु, पैटणा ह्वाला
घुघूती घुरूंण लगी हो… .
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की
डाण्यूं खिलणा होला बुरसी का फूल, पाख्यूं हैंसणी होली फ्योली मुल-मुल
डाण्यूं खिलणा होला बुरसी का फूल, पाख्यूं हैंसणी होली फ्योली मुल-मुल
कुलारी फुल-पाति लैकि दैल्यूं- दैल्यूं जाला, कुलारी फुल-पाति लेकी, दैल्यूं- दैल्यूं जाला
दगड़्या भग्यान थड़या-चौंफला लगाला
घुघूती घुरूंण लगी हो…
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की
तिबरि मां बैठ्या ह्वाला बाबाजी उदास, बाटु हैनी होली मांजी लागी होली सास
तिबरि मां बैठ्या ह्वाला बाबाजी उदास, बाटु हैनी होली मांजी लागी होली सास
कब म्यारा मैती औजी दिसा भैटि आला, कब म्यारा मैती औजी, दिसा भैटि आला
कब म्यारा भै-बैंणों की राजि-खुशि ल्याला
घुघूती घुरूंण लगी हो…
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु ,ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की
ऋतु, ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की ऋतु, ऋतु चैत की ऋतु, ऋतु चैत की…

हे दर्जी दिदा

हे दर्जी दिदा मैकू तू अंगड़ी बणैं दे,
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।
हे दर्जी दिदा मैकू तू अंगड़ी बणैं दे।
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।

मिन आज नैनी डांडा देवी का पास जाण,
देवी का नौकु बुगठ्या मिन आज वख चडाँण।।
मिन आज नैनी डांडा देवी का पास जाण।
देवी का नौकु बुगठ्या मिन आज वख चडाँण।
इन आज मन च मेरु सोंजड्या भी मिलालु,
सोंजड्या मेरी अंगडी घाघरी पर मोहेलु।

ये घाघरी पर नौ गजा कू खोल लगे दे,
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।
हे दर्जी दिदा मैकू तू अंगड़ी बणैं दे ,
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।

इन फिट दरजी दादा अंगड़ी सीली तू,
मोटी सी कमर मा जू पट की चिपकी जौ ,
इन फिट दरजी दादा अंगड़ी सीली तू।
मुट्ठी सी कमर मा जू पट की चिपकी जौ
उ म्यारू सोंजड्या त श्रृंगार शौकिया च,
फूलों मा वेकु प्यार रंगीला मन वलु च।

ईं अंगडी पर फूल दार तैणी लगे दे,
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।
हे दर्जी दिदा मैकू तू अंगड़ी बणै दे,
मेरी घघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।

मे आज रात एक सुपिनु प्यारु होया,
फूलों क बण म गौं मी घघरी घूमे क,
मे आज रात एक सुपिनु प्यारु होया।
फूलों क बण म गौं मी घघरी घूमे क,
उ म्यारा समणी आया बांसुली बजांद।
ईं घाघरी पैरीक नाचण लग्युं च,

मेरी अंगड़ी पर टिच दार बटण लगे दे,
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।
हे दर्जी दिदा मैकू तू अंगड़ी बणैं दे ,
मेरी घघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।

जन्नी उ म्यारा समणी हैंसदा आला दीदा।
घूँघट क्यांकू करलु चदरि तिनीच,
जन्नी उ म्यारा समणी हैंसदा आला दीदा।
घूँघट क्यांकू करलु चदरि तिनीच,
चदरि हो त इन्नी जु जालीदार हो.
घूँघट बटे उन्कु मुक भल कै दिखे हो।

ये चदरि पर रंगबिरंगी टुफ्की लगे दे,
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।
हे दर्जी दिदा मैकू तू अंगड़ी बणैं दे।
मेरी घाघरी पर चमकदार मगज़ लगे दे।

न उकाल न उन्दार

न उकाल न उन्दार
न उकाल न उन्दार सीधू सैणु धार-धार
गौ कू बाटू मेरा गौ कू बाटू
ऐ जाणू कभी मठु माठु मठु माठु
भला लोग भलु समाज गोऊ पिठाई कू रिवाज
खोली खोलियो म गणेश
मोरी नारेयण बिराजे मेरा गोऊ मा
देवी दय्बतो का थान
धरम करम पुण्य दान
छोटू बडो सबो मान
पोणु दय्बता समान मेरा गोऊ मा
बन खेती हो खल्याँ
मिल बाटी होंदी धानं
कुई फोजी कोई किसान
एक जि इकि प्राण मेरा गोऊ मा
सेरा ओखाड्यु मा नाज
वन हरयाली कु राज
बाडी सगोड्यु मा साग
जख तक तारकजी मेरा गोऊ मा-2
नोला मागरियो को पानी
छ्खी अमृत जनि
लेनी पेनी पीनी खानि
राखी मन मा न सयानी मेरा गोऊ मा
गौड़ी भैस्यु का खरग
घ्यु दूधो का छरग
म्यारो रोतेलो मुलुक
मकु एखि छ स्वर्ग मेरा गोऊ मा
कोथीग बिरेना की देर
बेटी ब्वारी कोथिगेर
दानं नचाद गितेर
जवान माया का स्वदेर मेरा गौ मा
काफल बुरांश का बोण
काकू हिलाश की धोन्
मीठी बोली मीठी भाषा
लिजा ऍच समलोंण मेरा गौ मा

गढ़रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी का एक सुन्दर गढ़वाली गीत –

हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी

चम चमा चम, चम चम , चम चम,चम चमकि , चमकि , चम चमकि घाम काँठीयूं मा
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी
बणी गैनी, बणी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।

शिब का कैलाशु ग्यायी पैली पैली घाम , शिब का कैलाशु ग्यायी पैली पैली घाम
सेवा लगौणु आयी बदरी का धाम , बे बदरी का धाम, बे बदरी का धाम
सर.. फैली , फैली , सर.. फैली घाम डाँडों मा
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि बिजी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि बिजी गैनी
बिजी गैनी , बिजी गैन
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।

ठण्डु-मठु चड़ी घाम , फूलु कि पाखियुं मा, ठण्डु-मठु चड़ी घाम , फूलु कि पाखियुं मा
लगि कुतग्यली तौंकी नाँगि काख्युं मा बे
नाँगि काख्युं मा, बे नाँगि काख्युं मा
खिच्च हैसिनी, हैसिनी, खिच्च हैसिनी फूल डालियुं मा
भौंरा पोथला रंग-मत बणी गैनी, भौंरा पोथला रंग-मत बणी गैनी
बणी गैनी , बणी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।

डांडि-काँठि बिजाली , पौंछि घाम गौं मा, डांडि-काँठि बिजाली , पौंछि घाम गौं मा
सु-निंद पौडि छै, बेटी ब्वारी डेरों मा बे
ब्वारी डेरों मा, बे ब्वारी डेरों मा
झम्म झौल , झौल , झम्म झौल लगी आखियुं मा
मायादार आंखियुं का सुपिन्या उड़ी गैनी, मायादार आंखियुं का सुपिन्या उड़ी गैनी
उड़ी गैनी , उड़ी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।

छुँयुं मा मिसे गिन पंदेरो मा पंदेनी, छुँयुं मा मिसे गिन पंदेरो मा पंदेनी
भाँडी भुरेगिनी तौंकी छुँई नी पुरेनी बे
छुँई नी पुरेनी, बे छुँई नी पुरेनी
खल्ल ख़ते , ख़ते, खल्ल ख़ते घाम मुखडि़युं मा
पितल्याणा मुखड़ी सोना की बणी गैनी, पितल्याणा मुखड़ी सोना की बणी गैनी
बणी गैनी , बणी गैन
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।

दोफ़रा मा लगी जब बणु मा घाम तैलू, खोपरा मा लगी जब बणु मा घाम तैल
बैठि गिनी घसेनी बिसै की डाला छैल
बिसै की डाला छैलु , बिसै की डाला छैलु
गर्र निंद , निंद , गर्र निंद पोडी़ छैलु मा
आयि पतरोल अर घसेनी लुछे गैनी, आयि पतरोल अर घसेनी लुछे गैनी
बणी गैनी , बणी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।

ब्यकुनी को सिलु घाम पैटण बैठी गे, ब्यकुनी को सिलु घाम पैटण बैठी गे
डाडियुं का पेछेडि जोन हैसण बैठी गे बे
हैसण बैठी गे, बे हैसण बैठी गे
झम्म रात , रात , झम्म रात पोडी़ रौलियुं मा
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी
सेयी गैनी, सेयी गैनी
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी……

हे मेरी आंख्युं का रतन

हे मेरी आंख्युं का रतन
बाला स्ये जादी,बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन
बाला स्ये जादी-२
हे मेरी आंख्युं का रतन
बाला स्ये जादी-४
मेरी औंखुडी पौन्खुड़ी छै तू, मेरी स्याणी छै गाणी
मेरी स्याणी छै गाणी
मेरी जिकुड़ी उकुड़ी ह्वेल्यु रे स्येजा बोल्युं मानी
स्येजा बोल्युं मानी
न हो जिधेर ना हो बाबु जन बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन,बाला स्ये जादी
तेरी घुन्द्काली तू की मुट्ठ्युं मा मेरा सुखी दिन बुज्याँन
मेरा सुखी दिन बुज्याँन
तेरी टुरपुरि तों बाली आंख्युं मा मेरा सुप्न्या लुक्याँन
मेरा सुप्न्या लुक्याँन
मेरी आस सांस तेम ही छन बाला स्ये जादी
हे मेरी आंख्युं का रतन, बाला स्ये जादी
हे पापी निंद्रा तू कख स्येंयी रैगे आज
स्येंयी रैगे आज
मेरी भांडी कुण्डी सुचण रै ग्येनी, घर बोण कु काम काज
घर बोण कु काम काज
कब तै छनटेलु क्या बोन क्या कन, बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन,बाला स्ये जादी
घात सार सारी की लै ग्येनी, पंदेरों बटी पंदेनी
पंदेरों बटी पंदेनी,
बाणु पैटी ग्येनी मेरी धौडया दगडया लखड्वेनी घस्येनी
लखड्वेनी घस्येनी
क्या करू क्या नि करू जतन बाला स्ये जादी
हे मेरी आंख्युं का रतन,बाला स्ये जादी
घर बौडू नि व्हायु जू गै छौ झुरै की मेरी जिकुड़ी
झुरै की मेरी जिकुड़ी
बिसरी जांदू वीं खैरी बिपदा हेरी की तेरी मुखड़ी
सम्लौ न वो बात वो दिन बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन,बाला स्ये जादी
बाला स्ये जादी-4

मेरा डांडी काण्ठियों का मुलुक-

मेरा डांडी काण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त ऋतू मा जैयि -२
हैर बण मा बुराँसि का फूल, जब बण आग लगाण होला..
पीता पाखों थैं फ्योलिं का फूल, पिन्ग्ला रंग मा रंग्याण होला ..
ळाइयां पैयां ग्वीराल फूलु ना-२, होलि धर्ति सजि देखि ऐइ …
बसन्त ऋतू मा जैयि…
मेरा डांडि….

रन्गील फागुन होल्येरोन कि टोलि, डांडि कांठियों रंग्यणि होलि…
कैक रंग म रंग्युं होलु क्वियि, क्वि मनि-मन म रंग्श्याणि होलि..
किर्मिचि केसरि रंग कि बाढ-२, प्रेम क रंगों मा भीजि ऐइ…
बसन्त ऋतू मा जैयि….
मेरा डांडि….

बिन्सिरि देय्लिओं मा खिल्दा फूल, राति गों-गों गितेरुं का गीत…
चैता का बोल, ओजियों का ढोल, मेरा रोंतेला मुलुकै कि रीत…
मस्त बिग्रैला बैखुं का ठुम्का-२, बांदूं का लस्सका देखि ऐइ….
बसन्त ऋतू मा जैयि….
मेरा डांडि….

सैणा दमला र चैतै बयार, घस्यरि गीतों मा गुंज्दि डांडि…
खेल्युं मा रंग-मत ग्वेर छोरा, अट्क्दा गोर घम्डियंदि घंडि..
वखि फुन्डे होलु खत्युं मेरु भि बच्पन, -२ ऊक्रि सक्लि त ऊक्रि कि लैयि…
बसन्त ऋतू मा जैयि….

मेरा डांडी काण्ठियों का मुलुक जैल्यु,
बसन्त ऋतू मा जैयि….
बसन्त ऋतू मा जैयि….

ऐजदी भग्यानी-गढ़वाली गीत

चिठ्युं का आखर अब ज्यू नि बेल मोंदा,
बुसील्या रैबार तेरा आस नी बंधौन्दा -२
ऐजदी भग्यानी, ऐजदी भग्यानी -२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
रांका बाल बाली काली रात नि ब्याणी, मेरी रात नि ब्याणी ।
रात नि ब्याणी, मेरी रात नि ब्याणी ।
उंसी का बुंदुन चुची तीस नि जाणी मेरी तीस नि जाणी ।
तीस नि जाणी मेरी तीस नि जाणी ।
पंद्रह पचिस्या दिन सदानि नि रौंदा -२
ऐजदी भग्यानी अर..र..र..र..र.र..र..रा..
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
रुड्युं का घामुन खैरया आंसूनी सुखदा, भगी आंसूनी सुखदा ।
आंसूनी सुखदा, भगी आंसूनी सुखद ।
जेट की बरखा न पाडु छोयां नी फ़ुटदा भगी छोरि छोयां नी फ़ुटदा ।
छोयां नी फ़ुटदा छोरि छोयां नी फ़ुटदा ।
बारमास फ़ूल खिल्यां डाल्युं मां नि रौंदा-२
ऐजदी भग्यानी छांटो रे छाटो रे छांटो छाटो..
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
आस को आसरो तेरी खुद ज्यूणो सारो, भगी खुद ज्यूणो सारो ।
खुद ज्यूणो सारो, भगी खुद ज्यूणो सारो ।
जथा हिटूं त्वे जथैईं बाटु फारु-फ़ारु, चुची बाटु फारु-फ़ारु ।
बाटु फारु-फ़ारु, चुची बाटु फारु-फ़

  • गढ़वाली सदाबहार गीत

लस्का ढसका मा

लस्का ढसका मा चली तेरी फौन्दी धौंपेली-2
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली मेरी फौन्दी धौंपेली-२
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली तेरी फौन्दी धौंपेली हाँ चली
तेरी छाली आंखियुंन छले धरम इमान
तेरी जाली मायान बणे दुनिया बेमान
तेरी छाली आंखियुंन छले धरम इमान
तेरी जाली मायान बणे दुनिया बेमान
मेरी बाली जवानी का चिफ्ला बाठों हिटी-२
कभी हे कभी हे कभी क्वी रौडी घस्स कभी क्वी रौडी घस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली तेरी फौन्दी धौंपेली हाँ चली
बिरडी गेनी भला भला लोग ठुमकों मा मेरा
अल्झी गेनी कन कना जोगी झुमकों मा मेरा
बिरडी गेनी भला भला लोग ठुमकों मा मेरा
अल्झी गेनी कन कना जोगी झुमकों मा मेरा
तेरा ठुमकों देखि तेरा घुंगरू सुणी-२
कभी हे कभी हो कभी हिया मा टुर्र कभी जिकुड़ी मा झस्स
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
लस्का ढसका मा चली मेरी फौन्दी धौंपेली
पौणा चली जला भोल लेकी डोला बारात
अद्बटा मा न छोड़ बिन्गै जा पूरी बात
मैम राली समुण तेरी मुल मुल हैन्सी-२
कभी मुख फेरी ठस कभी मै देखि ठस
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली मेरी फौन्दी धौंपेली हाँ चली-2
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स।।

ओटूवा वेलेणा

ओटूवा वेलेणा ओटूवा वेलेणा
मेरु रेशमी रुमैला ओटूवा वेलेणा ओटूवा वेलेणा-२
जायान बागीता ऐजाणु खेलेणा
मेरी रेशमी रुमैला ……………….

ताकुलू ऊनी कु ताकुलू ऊनी कु
मेरु रश्मि रूमेला ताकुलू ऊनी कु
कनु भालू लगदु उज्यालू जुनीकू
मेरी रश्मि ……………………..

बेडू पक्या बोरू -बेडू पक्या बोरू
मेरु रश्मि रूमेला बेडू पक्या बोरू
उज्यालू जुनीकू मै याखुल्या डोरू
मेरु रश्मि रूमेला मै याखुल्या डोरू

चीने इ भड़ेती, चीने इ भड़ेती
मेरु रश्मि रूमेला चीने इ भड़ेती -2
तू याखुल्या डोरू मी दियुलू आडेती
मेरु रश्मि रूमेला मी दियुलू आडेती

पाणी को गाजर पाणी को गागर
मेरी रश्मि रूमेला पाणी को गागर
कन भालू लगादु नोगाऊ बाजार -2
मेरु रश्मि रूमेला नोगाऊ बाजार

धरती हमरा गढ़वाल की

धरती हमरा गढ़वाल की…
धरती हमरा गढ़वाल की …
कथगा रौतेली स्वाणी चा….
हो हो….

कथगा रौतेली स्वाणी चा।
पंच बद्री, पंच केदार , पंच प्रयाग
यखी छन ।
पंच बद्री, पंच केदार , पंच प्रयाग
यखी छन ।।

पंच पंडो यखी छन ..
भाग हमरा धन धन …
कुंड छन ,यक ताल छन ।
मठ यखे महान छन ।।

ताल सहस्त्र, घाटी फुलू की
आसमान छन ।
गंगा ,जमुना यखी बटी सबु
की भूख तीस बुझानी चा।
धरती हमरा गढ़वाल की …

कथगा रौतेली स्वाणी चा।
डांडी कंठीयो का देखा, लैंजा लग्यान
लैंजा लग्यान।
देवतों की धरती मा, मनखी बस्यान
मनखी बस्यान चा….
धरती हमरा गढ़वाल की…
धरती हमरा गढ़वाल की …
कथगा रौतेली स्वाणी चा….
हो हो….

देवदार बुरांश ,बाज ,कुलीन ,
पाया डाली देबतो की रोपी,
मनखु की पाली च…
हो हो…..

भेद, देव देवता मनखी को,
डोरू थाली मिटानी चा…
धरती हमरा गढ़वाले की
कथगा रौतेली स्वाणीचा….

पतिव्रता नारी यख,बांद किसान छन
बांद किसान छन ।
तीलू रौतेली यख,रामी बौराण छन
रामी बौराण छन।

भडू पवाडा सुणा, वीरों का देखा गढ़।
नरसिंह ,नागराजा, पंडो का देखा रण।।
तुम ते लाकुड़ दमो ढोलकी,
धाईं लगे कि, भटीयाणी च..
धरती हमरा गढ़वाल की…
धरती हमरा गढ़वाल की …
कथगा रौतेली स्वाणी चा….
हो हो….

ना जा-ना जा तौं भेळू पखाण

ना जा- ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
ना जा- ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण?
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण?
ना जा-ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा- ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
तेरि भों मि पतरोळ कखी भि जौऊँ, तू ड्यूटी समाळ जंगळ बचौऊं
तेरि भों मीं पतरोळ कखी भी जोंऊँ, तू ड्यूटी समाळ जंगळ बचौऊं
भेळ उन्द पोडु मीं डाळा उन्द मोरू चा जंगळ चोरु मिन घास ली जांण, गौरू भैंस्यूं थें क्या खलांण
ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं थें मिन क्या खलांण
गुन्दक्याळी खुट्टी तेरि खस्स रैड़ीली, पट्ट मोरि जेलि भेळ उन्द पोड़ीली
गुन्दक्याळी खुट्टी तेरि खस्स रैड़ीली, पट्ट मोरि जेलि भेळ उन्द पोड़ीली
तेरि दाथी चदीरिल, गौर-बछूरूल, सासु ससुरोंल खौळ्यूं रै जाण- जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
बण भी सरकारी तेरो मन भी सरकारी, तिन क्या सम्झिण हम लोगु कि खैरी
बण भी सरकारी तेरो मन भी सरकारी, तिन क्या सम्झिण हम लोगु कि खैरी
जब बण जौला लाखुड़ घास लोंला, और भैंसी पिजोला तब चुल्लू जगांण, नौनळ निथर भुखि सेजांण..
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
पाड़ै बेटी-ब्वार्यू कू बण ही च सारु, जणदु छौं मी भी- पर क्याजि कारू?
पाड़ै बेटी-ब्वार्यू कू बण ही च सारु, जणदु छौं मी भी- पर क्याजि कारू?
दया जु आली, साबन सुण्याली त नौकरी जाली मेरी छुट्टी ह्वै जांण, बाल-बच्चों मिन क्या खलाण?
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण

गाड़ो गुलाबंद

गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
अरे गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
अरे गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
सरर्या दिन रैंदु स्वामी जी, डान्डीयौ सारी
फिर भी सासू मा, कर्राट च भारी
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
सासू बैठी रैंदी चौक तिबारी मा
रवटी मीथा देंदी, लूणा की गारी मा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
लती कपडियों थे, कनकवे मिल लौण पैरणा
सासू जील यामा, बिदोन कैरणा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
में से नि रयांदु सासू की जेल मा
स्वामी जी घौर आवा बैठिकी रेल मा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
सासू जी उठांदी मि, आधा रात मा
मिल त चली जाणा, स्वामी का साथ मा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना

ये थे कुछ पुराने गढ़वाली गीतों के बोल, जिन्होंने सदियों से हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखा है। हमें उम्मीद है कि इन्हें पढ़ते हुए आप न केवल अपनी जड़ों से जुड़ाव महसूस करेंगे बल्कि गढ़वाली लोकसंगीत की गहराई को भी समझ पाएंगे। ये गीत सिर्फ सुर और ताल नहीं, बल्कि हमारे समाज की भावनाओं, रीति-रिवाजों और लोकजीवन के अमूल्य प्रतीक हैं। इन्हें संजोना और आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन धरोहरों से प्रेरणा ले सकें।

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