देहरादून, 21 जून 2025 : उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही राज्य के 12 जिलों में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के शेष जिलों में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे-पहले चरण का मतदान 10 जुलाई को और दूसरे चरण का 15 जुलाई को होगा, जबकि मतगणना 19 जुलाई को की जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में चुनाव कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। उन्होंने बताया कि इस बार पंचायत चुनाव में कुल 66,418 पदों के लिए मतदान कराया जाएगा, जिसमें ग्राम पंचायत सदस्यों के 55,587, ग्राम प्रधानों के 7,499, क्षेत्र पंचायत सदस्यों के 2,974, और जिला पंचायत सदस्यों के 358 पद शामिल हैं।
मतदान के लिए प्रदेशभर में 8,276 मतदान केंद्र और 10,529 मतदान स्थल बनाए गए हैं। मतदाताओं की कुल संख्या इस बार 47.77 लाख तक पहुंच गई है, जो कि 2019 की तुलना में 10.57% अधिक है।
चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए लगभग 95,909 अधिकारी-कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, 5,620 वाहनों की व्यवस्था की गई है, जबकि 35,700 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती का प्रस्ताव है।
इस बार चुनाव को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं:
- राज्य की पहली डिजिटल पंचायत मतदाता सूची आयोग की वेबसाइट www.sec.uk.gov.in पर उपलब्ध कराई गई है।
- मतदाता अपने नाम की पुष्टि ऑनलाइन कर सकते हैं।
- प्रत्याशियों के शपथ-पत्र संबंधित जिलों की वेबसाइटों पर अपलोड किए जाएंगे, जिससे उनकी पृष्ठभूमि की जानकारी मतदाताओं को आसानी से मिल सकेगी।
- राज्य सरकार ने व्यय सीमा में संशोधन करते हुए ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए इसे ₹75,000 और जिला पंचायत सदस्य के लिए ₹2 लाख निर्धारित किया है।
मतदाताओं की सुविधा और शिकायतों के निवारण के लिए आयोग ने टोल-फ्री नंबर 18001804280 और ईमेल secelectionuk@gmail.com जारी किया है।
चुनाव और मतगणना की प्रक्रिया इस बार पूरी तरह सॉफ़्टवेयर के ज़रिए रेंडमाइजेशन प्रणाली से की जाएगी। आयोग ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जब्ती दल, व्यय निरीक्षक, मीडिया निगरानी और प्रवर्तन टीमें गठित की हैं जो हर जिले में सक्रिय रहेंगी।
दिव्यांग मतदाताओं के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं ताकि वे बिना किसी असुविधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 में खर्च सीमा :
इस बार पंचायत चुनाव में एक प्रत्याशी कितना खर्च कर सकता है, इसके लिए भी निर्वाचन आयोग ने सीमा तय कर दी है। जिसे आप इस लिंक में पढ़ सकते हैं – चुनाव खर्चा 2025 उत्तराखंड।
उत्तराखंड का यह पंचायत चुनाव तकनीकी संसाधनों, पारदर्शिता और प्रशासनिक निगरानी की दृष्टि से अब तक का सबसे उन्नत और व्यापक चुनाव माना जा रहा है। आयोग की तैयारियां यह संकेत दे रही हैं कि इस बार पंचायत चुनाव केवल मतदान तक सीमित न रहकर लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने का जरिया साबित होगा।