Festival
Famous festivals of Uttarakhand –
- Basant Panchami
- Bhitauli
- Harela
- Phool Dei
- Ghughutiya Festival
- Makar Sankranti
- Batsavitri
- Ganga Dusshera or Dasar,
- Igas Bagwal
- Dikar Puja,
- Olgia or Ghee Sankranti, Ghee Tyar
- Birud Panchami
- Satu Aathu
- Khatarua,
- Ekadashi,
- Chhipla Jaat,
- Kandali,
- Janopunya,
- Kumaon Holi (Khari Holi and Baithaki Holi)
इगास बग्वाल: उत्तराखंड की ‘बूढ़ी दिवाली’ क्यों और कैसे मनाते हैं | Igas 2025
इगास बग्वाल, जिसे बूढ़ी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड, विशेष रूप से गढ़वाल क्षेत्र का एक प्रमुख और अनूठा पारंपरिक त्योहार....
घी संक्रांति के ख़ास शुभकामना संदेश | Happy Ghee Sankranti Wishes 2025
उत्तराखंड की लोक संस्कृति प्रकृति के साथ सामंजस्य, कृषि पर आधारित जीवनशैली और पारंपरिक रीति-रिवाजों से समृद्ध है। यहाँ के पर्व-त्योहार केवल धार्मिक आस्था तक....
Butter Festival : उत्तराखंड का अनोखा अंढूड़ी उत्सव (मक्खन की होली)
उत्तराखंड की सुरम्य वादियों में बसा दयारा बुग्याल न सिर्फ अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके हरे-भरे ढलानदार घास के मैदानों के....
बिरुड़ पंचमी | सातों-आठों : उत्तराखंड की लोक परंपराओं का उत्सव।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत में अनेक पर्व और त्योहार समाहित हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि सामाजिक एकजुटता, पारिवारिक संबंधों और....
रक्षाबंधन पर प्रचलित एक पौराणिक कथा।
रक्षाबंधन भारतीय धर्म संस्कृति के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनों द्वारा....
घी संक्रांति 2025-इतिहास, परंपराएं, व्यंजन और वैज्ञानिक महत्व।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत में अनेक लोक पर्व अपनी विशेष पहचान रखते हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण और अनोखा पर्व है –घी संक्रांति, जिसे....
Harela Wishes 2025, Quotes, Captions in Hindi: जी रया, जागि रया।
उत्तराखंड में हरेला पर्व सावन संक्रांति यानि कर्क संक्रांति को मनाया जाता है, जो हर वर्ष 16 या 17 जुलाई के दिन आता है। इसी....
हरेला गीत-उत्तराखंड देवभूमि तेरी जै-जैकार।
हरेला पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चेतना का जीवंत प्रतीक है। यह पर्व प्रकृति, कृषि और पारंपरिक जीवनशैली के गहरे संबंध को दर्शाता है।....
हरेला त्योहार 2025, जानिए तिथि, इसके महत्व और मान्यताएं।
पर्यावरणीय असंतुलन आज विश्वभर में चिंता का विषय बन चुका है, लेकिन उत्तराखंड जैसी देवभूमि ने सदियों पहले ही इस दिशा में अपनी सांस्कृतिक चेतना....
रम्माण : 500 वर्ष पुरानी विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर।
भारत विविध संस्कृतियों, परंपराओं और त्योहारों का देश है। हर क्षेत्र की अपनी विशेषता है जो वहां के लोगों की धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान....















