MahaKumbh 2025: प्रयागराज में गंगा, यमुना और विलुप्त सरस्वती नदी के पावन त्रिवेणी संगम पर 144 वर्षों बाद लगे ‘महाकुम्भ-2025’ में जा रहे हैं तो यहाँ उत्तराखंड पवेलियन पर एक बार जरूर जाएँ, जहाँ आपको देवभूमि के दिव्य मंदिरों के दर्शन के साथ ही पहाड़ की संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके अलावा आपको यहाँ उत्तराखंड के विशिष्ट उत्पादों को देखने और खरीदने का मौका प्राप्त होगा। वहीं पवेलियन में आपको उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों तथा आयुर्वेद एवं योग चिकित्सा से भी अवगत कराया जायेगा।
उत्तराखंड सरकार द्वारा 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में लगे महाकुम्भ में अपना पवेलियन स्थापित किया है, जहाँ राज्य से आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए आवासीय सुविधा और भोजन की व्यवस्था की है। इसी के साथ रहने के लिए उत्कृष्ट टेंट लगाए गये हैं।
महाकुम्भ 2025 में उत्तराखंड सरकार द्वारा अपने पवेलियन में प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों की दिव्य प्रतिकृतियां लगाई गई हैं। इसके अलावा पारम्परिक उत्पादों के विभिन्न स्टॉल लगाएं हैं। उत्तराखण्ड के इस खूबसूरत पवेलियन में प्रतिदिन दस हजार से पन्द्रह हजार तीर्थयात्रियों द्वारा भ्रमण किया जा रहा हैै। तीर्थ यात्रियों के मध्य देवभूमि उत्तराखण्ड के दिव्य मंदिरों के दर्शन एवं फोटोग्राफी के साथ ही राज्य के पारंपरिक उत्पादों के स्टॉल एवं समृद्ध लोक संस्कृति की प्रस्तुति सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से की जा रही है।
यहाँ उत्तराखण्ड राज्य के देवभूमि स्वरूप के प्रदर्शन के साथ ही राज्य की कला-संस्कृति एवं विशिष्ट उत्पादों के प्रदर्शन तथा बिक्री की भी व्यवस्था की गयी है। इसके अंतर्गत उत्तराखण्ड का अंतर्राष्ट्रीय ब्राण्ड ’हाउस ऑफ हिमालयाज’, उत्तराखण्ड का हथकरघा एवं हस्तशिल्प ब्राण्ड ’हिमाद्री’, राज्य के खादी एवं बांस तथा अन्य फाईबर उत्पाद, राज्य के पर्यटन स्थलों तथा आयुर्वेदिक एवं योग चिकित्सा को प्रदर्शित किया गया है।

महाकुम्भ 2025 में उत्तराखंड मंडपम
प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के उत्तराखण्ड मंडपम में प्रवेश द्वार के रूप में केदारनाथ द्वार एवं निकास द्वार के रूप में बद्रीनाथ द्वार निर्मित किया गया है। मंडपम के अंदर प्रवेश करने पर चारधाम की दिव्य एवं भव्य प्रतिकृतियों के दर्शन होते हैं, इसके साथ ही हर की पैड़ी, हरिद्वार तथा गंगा की अविरल एवं पावन धारा के भी दर्शन होते हैं। मंडपम में दूसरी ओर शीतकालीन चारधाम तथा मानसखण्ड मंदिर माला के अंतर्गत श्री जागेश्वर धाम, श्री गोल्ज्यू देवता तथा कैंची धाम नीम करोली बाबा की दिव्य प्रतिकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।
महाकुम्भ में कहाँ है उत्तराखंड का पवेलियन
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में उत्तराखंड पवेलियन उद्योग विभाग द्वारा लगाया गया है जो महाकुम्भ क्षेत्रान्तर्गत सेक्टर-7, कैलाशपुरी मार्ग पर 40,000 वर्ग फीट क्षेत्रफल में स्थापित किया गया है। यह पवेलियन सिविल लाइन प्रयागराज बस स्टैंड से 6 कि.मी, प्रयागराज रेलवे स्टेशन से 8 कि.मी तथा प्रयागराज एयरपोर्ट से मात्र 15 कि.मी की दूरी पर स्थापित है। पवेलियन से नजदीकी गंगा घाट मात्र 800 मीटर दूरी पर तथा पवित्र संगम लगभग 5 कि.मी दूरी पर स्थित है।