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इगास बग्वाल: उत्तराखंड की ‘बूढ़ी दिवाली’ क्यों और कैसे मनाते हैं | Igas 2025
इगास बग्वाल, जिसे बूढ़ी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड, विशेष रूप से गढ़वाल क्षेत्र का एक प्रमुख और अनूठा पारंपरिक त्योहार....
UKSSSC पेपर लीक : होंगी जन संवाद बैठकें, SIT से प्रत्यक्ष संवाद कर पाएंगे।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में कथित नकल प्रकरण की गंभीरता से जांच चल रही है। जिसके लिए....
उत्तराखंड में सहायक अध्यापक के 128 पदों पर सीधी भर्ती, यहाँ पढ़ें –
देहरादून, 12 सितम्बर 2025 – उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत सहायक अध्यापक एलटी (विशेष शिक्षा शिक्षक) के 128....
उत्तराखंड में लागू हुई वर्दीधारी पदों की नई भर्ती नियमावली
उत्तराखंड में लागू हुई नई भर्ती नियमावली 2025 धामी सरकार का बड़ा फैसला, भर्ती होगी पारदर्शी वर्दीधारी पदों पर एकीकृत भर्ती प्रक्रिया शुरू युवाओं के....
पुराने गढ़वाली गीतों के बोल | Garhwali Song Lyrics in Hindi
उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में गढ़वाली लोकगीतों का विशेष स्थान है। ये गीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही....
जीएसटी दरों में कटौती से महंगाई पर लगाम, RBI कर सकता है रेपो रेट घटाकर 5.25% : एचएसबीसी रिपोर्ट
नई दिल्ली। हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती महंगाई को कम करने में मददगार साबित हो सकती है, बशर्ते कंपनियां इसका लाभ....
अनूठी परम्परा: माँ भगवती को अर्पित होती हैं 500 ग्राम की हजारों पूड़ियाँ
उत्तराखंड के कुमाऊँ और गढ़वाल अंचल में हर वर्ष भादो के महीने में माँ नंदा देवी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान माँ....
पोथिंग भगवती मंदिर : नंदा माई की पूजा, परंपरा और लोक आस्था।
उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी माँ नंदा पूरे प्रदेश में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती हैं। भाद्रपद मास (अगस्त–सितम्बर) में कुमाऊँ और गढ़वाल के....
गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ और उनकी प्रसिद्ध कवितायें।
उत्तराखंड के प्रिय जनकवि, लेखक, संस्कृतिकर्मी और नाटककार गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ जन्म 9 सितंबर, 1945 को अल्मोड़ा के ज्योली हवालबाग (उत्तराखण्ड) में हुआ। उनके पिता....
घी संक्रांति के ख़ास शुभकामना संदेश | Happy Ghee Sankranti Wishes 2025
उत्तराखंड की लोक संस्कृति प्रकृति के साथ सामंजस्य, कृषि पर आधारित जीवनशैली और पारंपरिक रीति-रिवाजों से समृद्ध है। यहाँ के पर्व-त्योहार केवल धार्मिक आस्था तक....









